जियाउल बस्ती में स्कूल, अस्पताल, बैंक, डाकघर और गैस एजेंसी की सुविधा चाहता है। इन मांगों को पर स्थानीय स्तर पर कोई सुनवाई न होने पर वह बस्ती के तीन अन्य युवकों के साथ इसकी गुहार मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से लगाने सत्रह दिन मंे दूसरी बार लखनऊ आया।
उसने धमकी दी कि यदि उसे मुख्यमंत्री से नहीं मिलवाया गया तो वह आत्मदाह कर लेगा। करीब सात घंटे तक वह टंकी पर चढ़े-चढ़े पुलिस प्रशासन को छकाए रखा। इस दौरान टंकी के पास तमाशबीनों की भीड़ इकट्ठा हो गई। मुख्यमंत्री से मुलाकात कराने का आश्वासन के बाद दोपहर करीब एक बजे जिलाउल नीचे उतरा। इसके दो घंटे बाद उसके साथ आए अजरूद्दीन, मोहम्मद आस और सदाब भी नीचे उतर आए।जियाउल ने बताया कि वह जहां रहता है, वहां पांच लाख अल्पसंख्यक की आबादी है। उसके घर के आसपास स्थित मलिन बस्तियों में आधारभूत सुविधाएं और संसाधनों की काफी कमी है। वह बस्तियों में प्राथमिक अस्पताल और जच्चा-बच्चा केंद्र, डाकघर और गैस एजेंसी सहित बिजली पानी व सड़क की सुविधा दिलाने के लिए कई साल से संघर्ष कर रहा है। लेकिन अभी तक मांगों पर विचार नहीं किया गया है, इसलिए उसने दूसरी बार यह कदम उठाया।--आईएएनएस
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