श्रीनगर, 27 दिसम्बर (आईएएनएस)| जम्मू एवं कश्मीर उच्च न्यायालय ने मंगलवार को अलगाववादी नेता मसरत आलम को रिहा करने का आदेश दिया। राज्य में लोक सुरक्षा के लिए खतरा होने और संकट पैदा करने के आरोपों में आलम छह साल से जेल में है। वर्ष 2010 में कश्मीर घाटी में उत्पात के बाद आलम को जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत गिरफ्तार किया गया था। वह अभी जम्मू के पास कठुआ जेल में है। उस उपद्रव में 100 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।
आलम पर भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के साथ लगी सीमा (नियंत्रण रेखा) पर तीन नागरिकों के कथित फर्जी मुठभेड़ में मारे जाने के बाद भारत विरोधी हिंसक प्रदर्शन का आयोजन करने का आरोप है।न्यायाधीश मुजफ्फर हुसैन अतर ने आलम के पीएसए हिरासत आदेश को खारिज कर दिया।अदालत ने पिछले हफ्ते सुनवाई के दौरान फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस फैसले में कहा कि गया है कि आलम को अविलंब रिहा किया जाए। वह मुस्लिम लीग का अध्यक्ष है। यह सैय्यद अली शाह गिलानी के नेतृत्व वाले हुर्रियत कांफ्रेंस से संबद्ध संगठन है।पीएसए के तहत किसी व्यक्ति को जिलाधिकारी बगैर किसी न्यायिक हस्तक्षेप के दो साल तक हिरासत में रख सकते हैं।--आईएएनएस
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