नई दिल्ली, 27 दिसम्बर (आईएएनएस)| केंद्र सरकार द्वारा बीते आठ नवंबर को की गई नोटबंदी के बाद साइबर सिक्योरिटी सॉल्यूशंस प्रोवाइडर टीएसी सिक्योरिटी के पास एक महीने की अवधि के दौरान हैकिंग की 50 शिकायतें आई हैं। कंपनी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। हैकिंग की इन घटनाओं में भारतीय कंपनियों से रैंशमवेयर (वेबसाइट चालू करने के लिए पैसे मांगना), वित्तीय धोखाधड़ी तथा वेबसाइट हैकिंग जैसी घटनाएं शामिल हैं।
टीएसी सिक्योरिटी की विशेष रूप से तैयार की गई सेवा-साइबर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (टीएसी-सीईआरटी) को हैकिंग की कई शिकायतें मिलीं, जिनमें सात ड्रिस्ट्रिब्यूटेड डेनायल ऑफ सर्विस (डीडीओएस) अटैक्स, 12 ई-मेल हैक, 24 रैंसमवेयर अटैक्स, ई-मेल के माध्यम से वित्तीय धोखाधड़ी की चार तथा वेबसाइट हैकिंग की छह घटनाएं सामने आई हैं। निर्यात, औषधि, सूचना-प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रीकल पुर्जे का निर्माण करने वाली कंपनी तथा अस्पताल जैसे संस्थान इन हमलों का शिकार हुए।टीएसी सिक्योरिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) त्रिशनित अरोड़ा ने कहा, "यह दर्शाता है कि हमें किस कदर खतरा है। ये खतरे केवल बैंक या वित्तीय संस्थानों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि हर उद्योग व क्षेत्र इस खतरे के दायरे में है। मैरियाड रिपोर्ट में इस तथ्य की पुष्टि हुई है।"हैकिंग के खतरों को कम करने के लिए कंपनियों की मदद के कदम के तहत सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने देश की समस्त सूचना प्रौद्योगिकी बुनियादी ढांचे की समीक्षा का आदेश दिया है।हाल ही में सरकार ने नेशनल साइबर कॉर्डिनेशन सेंटर (एनसीसीसी) की स्थापना की घोषणा की, जो साइबर हमलों के मद्देनजर जागरूकता फैलाएगा तथा तत्काल प्रतिक्रिया देगा। मार्च 2017 से यह केंद्र काम करना शुरू कर देगा।इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आईटी एक्ट 2000 की समीक्षा करने तथा साइबर सुरक्षा की घटनाओं से तत्काल निपटने के लिए एक क्रैक टीम के गठन का आदेश दिया है।--आईएएनएस
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