नई दिल्ली, 27 दिसंबर (आईएएनएस)| द्रमुक और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने नरेंद्र मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले को व्यर्थ और जनविरोधी कदम बताते हुए कहा कि इससे देश में एक आर्थिक संकट उत्पन्न हुआ है। द्रमुक नेता तिरुचि सिवा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा गत 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये मूल्य के नोटों को अमान्य घोषित किए जाने के कारण देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है।
उन्होंने कहा कि केवल छह प्रतिशत कालाधन नकदी में है और उस छह प्रतिशत के लिए प्रधानमंत्री ने देश भर में सभी लोगों को संकट में डाल दिया है।विपक्षी पार्टियों के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में सिवा ने कहा, "कोई परिणाम नहीं मिला है। यह एक व्यर्थ और गलत तरीके से क्रियन्वित कदम रहा है।" विपक्षी पार्टियों के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राजद और अन्य पार्टियां भी शामिल थीं।सिवा ने आगे ने कहा, "यह आश्वासन नहीं दिया गया है कि भविष्य में कोई कालाधन उत्पन्न नहीं होगा। इसका कोई सही आंकड़ा नहीं है कि कितने कालाधन जमा कराए गए या बरामद हुए।"राजद नेता जय प्रकाश यादव ने कहा कि उनकी पार्टी शुरू से इस कदम का विरोध कर रही है और पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने बिहार में इसके खिलाफ जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने की योजना भी बनाई है।संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यादव ने कहा, "नकदी रहित अर्थव्यवस्था की कल्पना आधारहीन है। नोटबंदी जनविरोधी और गरीब विरोधी है।"--आईएएनएस
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