उन्होंने कहा, "अचानक लिए गए अव्यवस्थापूर्ण निर्णय से हजारों कल कारखाने बंद हो गए। लाखों मजदूर अपने बच्चों का पेट पालने में असमर्थ हो रहे हैं। फिर भी प्रधानमंत्री जनता के धैर्य की परीक्षा लुभावने सपने दिखाकर ले रहे हैं।"
डॉ. अहमद ने कहा कि नोटबंदी के बाद किसान ने रबी की फसल की बुवाई तो रो रोकर कर डाली परंतु फसल तैयार होने से पहले ही केंद्र सरकार ने गेहूं का आयात शुल्क समाप्त कर किसानों की कमर तोड़ दी।"उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों का 1300 करोड़ रुपया अब भी बकाया है, जिसे पाने के लिए किसान तड़प रहा परंतु उत्तर प्रदेश सरकार मौन धारण किए हुए है।रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने केंद्र और प्रदेश सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा, "केंद्र सरकार अपनी शाइनिंग इंडिया और प्रदेश सरकार मेट्रो और एक्सप्रेस वे के विकास के घमंड में चूर हैं। उसे किसानों की फिक्र नहीं है।"--आईएएनएस
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