पटना, 27 दिसंबर (आईएएनएस)| केंद्र सरकार की नोटबंदी के खिलाफ बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में अब बिखराव साफ नजर आने लगा है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की नोटबंदी के खिलाफ 28 दिसंबर को आयोजित धरना कार्यक्रम से कांग्रेस ने खुद को अलग कर लिया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस नोटबंदी के खिलाफ राजद के धरना कार्यक्रम में शामिल नहीं होगी। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि उनकी पार्टी राजद के इस धरना कार्यक्रम का स्वागत करती है।
गौरतलब है कि बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार प्रारंभ से ही नोटबंदी के समर्थन में हैं। बाद में हालांकि उन्होंने कहा था कि नोटबंदी के 50 दिनों के बाद स्थिति की समीक्षा करने के बाद पार्टी अगली रणनीति पर विचार करेगी।राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने पिछले दिनों दावा किया था कि 28 दिसंबर को आयोजित धरना में जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी बुलाएंगे। अभी तक हालांकि इस बारे में पार्टी की ओर से कोई पुष्टि नहीं की गई है कि नीतीश कुमार इस धरने में शामिल होंगे या नहीं।उल्लेखनीय है कि नोटबंदी को लेकर लालू प्रसाद केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार निशाना साधते रहे हैं। कांग्रेस भी नोटबंदी के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए है। इस बीच बिहार में राजद के धरना कार्यक्रम से कांग्रेस के अलग हो जाने का कयास लगाया जाने लगा है।राजद के कार्यकर्ता बुधवार को बिहार के सभी जिला मुख्यालयों पर एकदिवसीय धरने पर बैठेंगे।--आईएएनएस
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