उत्तर प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने एक-दूसरे पर निशाना साधना शुरू कर दिए है। चुनाव की तैयारी को लेकर सभी पाटियों ने कमर कस ली है। इस बाबत सोमवार को चुनाव में पार्टी की तैयारियों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सूबे की सत्ताधारी पार्टी सहित केन्द्र सरकार को निशाने पर लिया।
पत्रकारों से बातचीत में बसपा सूप्रीमो मायावती ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर ही समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की कवायद में जुटे हुए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मुसलमानों को इस तरह के किसी गठबंधन से सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भाजपा अपने मकसद में कामयाब होने के लिए हर संभव कोशिश करेगी। केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के ढाई वर्ष पूरे हो चुके हैं। इतने दिनों में उनके एक चैथाई वादे भी पूरे नहीं हुए हैं।
मायावती ने कहा कि इसी वजह से केवल उप्र में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में भाजपा के प्रति काफी आक्रोश व नाराजगी है। भगवा पार्टी को काफी हद तक एहसास भी हो चुका है कि उप्र विधानसभा चुनाव में उसे सफलता मिलने वाली नहीं है।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने पक्ष में हवा बनाने के लिए सबसे पहले यहां दूसरी पार्टियों के कुछ स्वार्थी किस्म के लोगों को तोड़ा। इसके बाद तमाम तरह के हथकंडे अपनाकर उसने परिवर्तन यात्रा के माध्यम से हवा बनाने की कोशिश की।
मायावती ने कहा कि भगवा पार्टी ने चोर दरवाजे से पूंजीपतियों का पैसा पानी की तरह बहाया है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य केंद्रीय मंत्री पूरे प्रदेश में शिलान्यास व लोकार्पण की रस्म अदा कर लोगों की आंखों में धूल झोंक रहे हैं। इन हथकंडों के इस्तेमाल के बावजूद यहां की जनता बहकावे में आने वाली नहीं है।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि लोकसभा चुनावों के दौरान किए गए वादों से यहां के लोगों का ध्यान बांटने के लिए भाजपा नीत केंद्र सरकार ने बिना किसी तैयारी के नोटबंदी के रूप में अपरिपक्व फैसला लिया। इस फैसले के दंश से देश की 90 प्रतिशत गरीब जनता उबर नहीं पाई है, जबकि इस फैसले से उत्पन्न संकट से निजात पाने के लिए तय 50 दिन के समय भी अब पूरे होने वाले हैं।
मायावती ने कहा कि जनता चुनाव में नोटबंदी के फैसले का करारा जवाब जरूर देगी और दावा किया कि उप्र में होने वाले विधानसभा चुनाव में बसपा अकेले दम पर सत्ता में आएगी।
उप्र में कांग्रेस और सपा के बीच गठबंधन को लेकर चर्चा पर मायावती ने कहा कि विधानसभा चुनावों में गठबंधन से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। सपा व कांग्रेस के गठबंधन पर अंतिम मुहर भाजपा के कहने से लगेगी। भाजपा के इशारे पर ही मुलायम सिंह यादव कांग्रेस के साथ गठबंधन करने में जुटे हुए हैं।
मायावती ने कहा कि मुसलमानों की सच्ची हितैषी पार्टी बसपा ही है। हर बार बसपा ने ही मुसलमानों की जान-माल की सुरक्षा के साथ-साथ उनके विकास को भी बढ़ावा दिया है।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि बसपा ने भाजपा के साथ मिलकर चुनाव जरूर लड़ा था, लेकिन अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया। बसपा की सरकार में हमेशा उप्र में कानून का राज बना रहा।
मायवती ने कहा कि सपा कांग्रेस के साथ गठबंधन करने में इतनी उतावली क्यों दिख रही है? उप्र में ऑक्सीजन तलाश रही कांग्रेस जैसी पार्टी के साथ उसे गठबंधन करने की जरूरत क्यों पड़ रही है? लेकिन सच्चाई यह है कि सपा कांग्रेस के साथ गठबंधन करके भी सत्ता में वापसी करने वाली नहीं है। इसका एहसास सपा मुखिया को भी हो चुका है।
स्रोत--आईएएनएस
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