नोटबंदी को लेकर चल रहा सरकार का गतिरोध कम होने का नाम नही ले रहा है। पिछले दिनो लगातार सरकार पर औद्योगिक घराने को नोटबंदी के जरिए फायदा पहुंचाने का आरोप लगता रहा है। इसी सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बिड़ला समूह के प्रमुख कुमार मंगलम बिड़ला से 25 करोड़ की रिश्वत लेने के आरोप लगे है।
कुमार मंगलम बिड़ला ने उन आरोपों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जिसमें कहा गया है कि उनके समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 25 करोड़ रुपये की रिश्वत उस वक्त दी थी, जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे। भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद में बिड़ला ने संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे नहीं मालूम। मुझे इस बारे में नहीं पता और मैं इस बारे में बात नहीं करना चाहता।’
कुमार मंगलम बिड़ला आईआईएम-ए के चेयरमैन हैं। इस बारे में उनसे बार-बार पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "यह मामला अदालत में विचाराधीन है और मैं इस बारे में कुछ भी नहीं कहना चाहूंगा।" राहुल गांधी ने बुधवार को उत्तरी गुजरात के मेहसाणा में एक रैली के दौरान आरोप लगाया था कि गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए मोदी ने बिड़ला से 25 करोड़ रुपये लिए थे।
दो दशकों की समयावधि के बाद आईआईएम-ए पहुंचे बिड़ला परिसर में दो दिनों तक ठहरे। उन्होंने कहा कि वह कॉरपोरेट दुनिया तथा बिजनेस स्कूल के बीच सेतु का काम करेंगे। उन्होंने कहा, "मेरा ध्यान इस पर होगा कि मैं कॉरपोरेट तथा आईआईएम-ए के बीच के संबंधों को किस प्रकार बढ़ावा दे सकता हूं।"
यह पूछे जाने पर कि आईआईएम-ए की रैंकिंग वैश्विक तौर पर किस प्रकार बढ़ेगी, बिड़ला ने कहा कि उनकी राय में संस्थान को प्रवासियों या विदेशी छात्रों के बजाय अधिक से अधिक भारतीय छात्रों को तैयार करना चाहिए।आईआईएम की स्वायत्तता के मुद्दे पर बिड़ला ने कहा कि वह पूर्ण स्वायत्तता बरकरार रखने के पक्ष में हैं।
स्रोत- आईएएनएस
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