नेपीथा, 24 दिसम्बर (आईएएनएस)| म्यांमार के प्राधिकारियों ने कहा कि राखिन प्रांत में दौरे पर आए मीडिया दल से बात करने के कुछ दिनों के बाद एक रोहिंग्या मुस्लिम की मौत हो गई। समाचार पत्र इरावदी दैनिक से एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि डो डान के बाहरी इलाके में सिर कटी लाश मिली, जबकि उसका सिर बांग्लादेश के साथ देश की सीमा के निकट फेंक दिया गया था।
समाचार एजेंसी एफे न्यूज के अनुसार, अधिकारियों ने इस घटना के बारे में कोई और जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है, लेकिन स्थानीय मीडिया ने कहा कि क्षेत्र में आईं स्वतंत्र मीडिया हस्तियों को साक्षात्कार देने के लिए बदले की भावना से उसकी हत्या की गई होगी।पीड़ित ने एक वीडियो में कहा था कि सैन्य तैनाती के दौरान 1000 से अधिक लोग गांव छोड़ कर चले गए। उसका शव गुरुवार को मिला था।राखिन-बांग्लादेश सीमा पर स्थित मुंगडॉ शहर में रोहिंग्या विद्रोहियों द्वारा तीन पुलिस चौकियों पर कथित हमले के बाद गत 9 अक्टूबर को हिंसा भड़क उठी थी। परिणामस्वरूप सेना ने जवाबी कार्रवाई की।तब से मानवाधिकार संगठनों ने सेना द्वारा रोहिंग्या के खिलाफ यातना, डकैती, फांसी और दुष्कर्म की अनेक घटनाओं की जानकारी दी है।अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, यह अनुमान लगाया गया कि इलाके में गत दो महीने में सैन्य अभियान के दौरान करीब 100 लोगों की मौत हुई है।गत सप्ताह 'ह्यूमैन राइट वाच' ने बताया कि इलाके में अधिकारियों द्वारा सेना को तैनात किए जाने के बाद से 1500 घर जला दिए गए हैं। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, 30,000 लोग बेघर हो गए हैं, 27,000 अन्य लोग भाग कर बांग्लादेश चले गए हैं।हालांकि, म्यांमार की वास्तविक शासक और नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू की ने इन रपटों को खारिज कर दिया है और दावा किया कि सेना ने नियमों का पालन किया है।--आईएएनएस
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