भोपाल, 23 दिसंबर (आईएएनएस)| कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी एक तरफ जहां आयकर विभाग के दस्तावेजों के आधार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर संगीन आरोप लगा रहे हैं, वहीं मध्यप्रदेश की कांग्रेस इकाई ने उसी लकीर को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर सहारा समूह से 10 करोड़ रुपये लेने का आरोप लगाया और उप लोकायुक्त यू. सी. माहेश्वरी को कुछ दस्तावेज सौंपते हुए पूरे मामले की जांच की मांग की। कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को यहां उप लोकायुक्त माहेश्वरी को आयकर विभाग द्वारा वर्ष 2013 में सहारा समूह के ठिकानों पर मारे गए छापों में मिले दस्तावेजों की प्रति सौंपकर मामले की जांच कराने की मांग की है। इन दस्तावेजों में कथित तौर पर मुख्यमंत्री शिवराज को उपसचिव नीरज वशिष्ठ के जरिए 10 करोड़ रुपये दिए जाने का जिक्र है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने लोकायुक्त कार्यालय में उपलोकायुक्त से आग्रह करते हुए कहा कि देश में कथित तौर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाई जा रही बहु प्रचारित मुहिम को दृष्टिगत रखकर इस मामले की जांच सामयिक है।यादव द्वारा उप लोकायुक्त को दी गई शिकायत में कहा गया है, "22 नवंबर, 2014 को आयकर विभाग द्वारा सहारा समूह के कार्यालय पर की गई छापेमारी की कार्रवाई के दौरान कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज प्राप्त हुए थे। इन दस्तावेजों में चौंका देने वाले तथ्य सामने आए, जिनमें 29 सितंबर, 2013 की एक एंट्री में तत्कालीन मुख्यमंत्री को नीरज वशिष्ट के माध्यम से पांच करोड़ रुपये नकद दिया जाना दिखाया गया है।एक अन्य एंट्री जो एक अक्टूबर, 2013 की अंकित है, उसमें भी तत्कालीन 'मुख्यमंत्री' को नीरज वशिष्ट के माध्यम से पांच करोड़ रुपये नकद दिया जाना दर्शाया गया है। इस तरह कुल 10 करोड़ रुपये की नकद राशि उन्हें दी जाना दर्शाई गई है।"यादव ने आगे कहा कि इस संदर्भ में महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि सितंबर-अक्टूबर, 2013 में शिवराजसिंह चौहान, प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। नीरज वशिष्ट, मुख्यमंत्री की आवास व्यवस्था के उप सचिव थे।यादव का दावा है, "उपलोकायुक्त के समक्ष प्रस्तुत दस्तावेजों में आयकर विभाग की डिप्टी डायरेक्टर अंकिता पांडेय के हस्ताक्षर हैं, जो फॉरेंसिक जांच में भी सही पाए गए हैं।"उन्होंने उप लोकायुक्त से तथ्य जुटाने का आग्रह किया है कि सहारा समूह ने शिवराज को 10 करोड़ रुपये क्यों दिए, उन्होंने इन 10 करोड़ रुपये का इस्तेमाल किस मद में किया। इसके अलावा आवास व्यवस्था में मुख्यमंत्री के उप सचिव नीरज वशिष्ट की इसमें क्या भूमिका थी, इसे जांच प्रक्रिया में शामिल कर उनके विरुद्ध प्रीवियंस ऑफ करप्शन एक्ट की विभिन्न धाराओं में जांच के बाद प्रकरण दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जाए।--आईएएनएस
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