सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम.वेंकैया नायडू ने कहा कि केंद्र सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सवों में भारतीय सिनेमा को बढ़ावा देने के लिए 'फिल्म प्रोत्साहन कोष' बनाने की दिशा में एक नई पहल की है। इस पहल से स्वतंत्र फिल्म निर्माताओं को विश्वभर में अपनी फिल्म का प्रचार करने में मदद मिलेगी।
भारत को एक सॉफ्ट पावर के साथ-साथ फिल्मांकन के लिहाज से एक गंतव्य के रूप में पेश करने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयास अब तक फायदेमंद साबित हुए हैं, क्योंकि इससे फिल्म उद्योग के विभिन्न हलकों से विश्व भर के हितधारकों को भारत में आकर्षित करने में मदद मिली है और इसके साथ ही भारतीय फिल्मों, विशेषज्ञता एवं प्रतिभाओं को विश्व भर में अंतर्राष्ट्रीय महोत्सवों में स्वीकार किया जा रहा है।
मंत्री ने ये बातें आईएफएफआई-2016 के पूर्वावलोकन के लिए मंगलवार को आयोजित किए गए संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहीं। गोवा के उप मुख्यमंत्री फ्रांसिस डिसूजा, सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौर, कोरिया गणराज्य के राजदूत चो ह्यून और सूचना एवं प्रसारण सचिव अजय मित्तल भी इस मौके पर मौजूद थे।
नायडू ने यह भी कहा कि फिल्म प्रोत्साहन कोष से उन फिल्मों के प्रचार संबंधी गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिनका चयन किसी जाने-माने अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के किसी भी प्रतिस्पर्धा खंड के लिए किया जाएगा या जो विदेशी फिल्म श्रेणी के तहत एकेडमी अवार्डस के लिए भारत की आधिकारिक मनोनीत फिल्म होगी।
सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञों के एक पैनल की सिफारिशों पर आधारित इस पहल पर अमल के लिए फिल्म समारोह निदेशालय को प्रमुख एजेंसी के रूप में निर्दिष्ट किया गया है।
मंत्री ने यह भी कहा कि एक मंच के रूप में आईएफएफआई उन फिल्म निमार्ताओं को प्रोत्साहन प्रदान करेगा, जिन्होंने अपनी फिल्मों के जरिये सिनेमा जगत में उल्लेखनीय योगदान दिया है। इस दौरान विविध गाथाओं, कहानियों एवं भावनाओं से परिपूर्ण विश्वभर की चुनिंदा फिल्में दिखाई जाएंगी।
सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौर ने ज्यूरी के सदस्यों का संक्षिप्त विवरण देने के साथ-साथ आईएफएफआई 2016 पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 47वें आईएफएफआई के लिए विशेष फोकस वाला देश कोरिया गणराज्य होगा और इस दौरान कोरियाई सिनेमा जगत की सर्वोत्तम फिल्में दुनिया को दिखाई जाएंगी।
उन्होंने कहा कि 'आईएफएफआई 2016' के लिए विश्व भर से कुल मिलाकर 1032 प्रविष्टियां प्राप्त हुईं, जिनमें से 88 देशों की 194 फिल्मों का चयन इस दौरान दिखाने के उद्देश्य से किया गया है।
नई पहल 'किसी निर्देशक की प्रथम सर्वोत्तम फीचर फिल्म के लिए शताब्दी पुरस्कार' पर रोशनी डालते हुए कर्नल राठौर ने कहा कि आईएफएफआई के दौरान इस नए प्रतिस्पर्धा खंड के तहत युवा प्रतिभा को सम्मानित किया जाएगा। इस खंड के तहत वर्ष 2016 के दौरान विश्वभर में किसी भी निर्देशक द्वारा पहली बार निर्देशित की गई कुछ उत्कृष्ट फिल्में दिखाई जाएंगी। विजेता को रजत मयूर से सम्मानित किया जाएगा और 10 लाख रुपये की नकद राशि दी जाएगी।
आईएफएफआई के 47वें संस्करण का शुभारंभ 20 नवंबर को गोवा में होगा और इसका समापन 28 नवंबर को होगा।
--आईएएनएस
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