भारत सरकार नें मंगलवार की रात से 500 और 1000 की नोटों के चलन पर रोक लगा दी है। जिससे नेपाल की बैंकिग व्यवस्था पर भी काफी असर हुआ है। नेपाल ने 3.5 करोड की भारतीय मुद्रा को जारी करनें से मना कर दिया है।
नेपाल बैंक के प्रवक्ता नारायण पोडेल ने कहा कि, हमारे द्वारा लाइसेंस प्राप्त बैंकिंग संस्थाओं ने सूचना दी है कि, गुरुवार से उन्होंने 3.5 करोड़ रुपये की प्रतिबंधित भारतीय मुद्रा को रोक लिया है। उन्होने यह भी कहा कि अन्य बैंकों से पूरी जानकारी मिलने के बाद इन प्रतिबंधित नोटों की कुल राशि बढकर चार करोड रुपए हो जाएगी।
आपको बता दें कि, नेपाल के बहुत सारे व्यापारी जो भारतीय सीमा में अपना कारोबार करते है उनके पास बडी मात्रा में भारतीय मुद्रा होगी। सीमा के पास काफी मजदूर वर्ग रहता है। नेपाल के बहुत सारे प्रवासी नागरिक जो भारत में रहते है और अपना जीवन यापन करते है।
गौरतलब है कि भारत पिछले साल नेपाल के आग्रह पर भारतीय 500 और 1000 की मुद्रा को उनके यहां चलाने के लिए कह दिया था। क्योंकि बहुत सारे नेपाली प्रवासी भारत में रहकर अपना व्यापार करते है, उसके बाद जब वो वापस अपने घर जाते है तो उनके पास पर्याप्त मात्रा में भारतीय मुद्रा रहती है।
पेडोल ने कहा, कि आम जनता के पास कितनी भारतीय मुद्रा है। इस बात का उनके पास कोई रिकार्ड नहीं है इसलिए वह अभी भारतीय मुद्रा के चलन में कुछ दिनों के लिए रोक लगा रहे है।
आपको बता दें कि नेपाल में भारतीय 100 रुपये की मुद्रा का इस्तेमाल काफी लंबे समय से हो रहा है। इसके साथ ही नेपाली प्रवासियों और भारतीय नागरिकों को 25,000 रुपये तक की राशि अपने साथ नेपाल लाने की छूट दी गई थी।
मोदी सरकार द्वारा 500 और 1000 के नोटों को बंद करने के बडे फैसले से नेपाल की बैंकिंग व्यवस्था, नेपाली प्रवासियों और भारत-नेपाल की सीमा से सटे इलाकों में रहने वाले लोगों से बहुत ज्यादा परेशान हो गए हैं। लोग लगातार बैंकों से इस बात की जानकारी मांग रहे हैं कि वो अपनी भारतीय मुद्रा को कैसे बदलें।
नेपाल राष्ट्र बैंक के विदेशी मुद्रा प्रबंधन विभाग के निदेशक बासुदेव अधिकारी ने कहा, "हमने नेपाल में मौजूद भारतीय मुद्रा को बदलने के लिए आरबीआई को पत्र लिखा है।
आईएएनएस
|
Comments: