अहमदाबाद, 21 अक्टूबर (आईएएनएस)| अपने हरफनमौला खेल की बदौलत कबड्डी विश्व कप-2016 में भारत के अब तक के सबसे सफल और चमकदार खिलाड़ी के तौर उभरे स्टार रेडर अजय ठाकुर को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनके सामने कौन सी टीम है। अजय ने कहा कि वह सिर्फ जीत के बारे में सोचते हैं।
द एरेना बाय ट्रांसस्टेडिया में जारी विश्व कप में भारत सेमीफाइनल में पहुंच चुका है और शुक्रवार को उसका सामना थाईलैंड से होना है। अजय आंकड़ों के लिहाज से अब तक के सबसे सफल भारतीय खिलाड़ी हैं। अजय के नाम 41 रेड अंक हैं और वह सबसे अधिक रेड अंक जुटाने वाले खिलाड़ियों की सूची में चौथे स्थान पर हैं। इसी तरह अजय ने अब तक कुल 34 सफल रेड लगाए हैं और इस सूची में भी वह चौथे स्थान पर हैं।अजय 18 साल की उम्र में पहली बार भारत के लिए खेले थे और आज की तारीख में वह भारत के सबसे अच्छे रेडरों में से एक हैं। इसका सबूत अजय ने अपने खेल के माध्यम से दिया।
आईएएनएस से विशेष बातचीत में अजय कहते हैं कि कबड्डी ने उन्हें बहुत कुछ दिया है और अब वह उसे लौटाने की कोशिश में जुटे हैं।अजय ने कहा, "मेरे लिए यह मायने नहीं रखता कि मेरे सामने कौन सी टीम है। सेमीफाइनल हो फाइनल या फिर पहला मैच हो, मैं यह बिल्कुल नहीं सोचता कि मेरे सामने कौन सी टीम है। मैं बस जीत के बारे में सोचता हूं और उसी दिशा में अपनी तैयारियां करता हूं।"तो क्या कबड्डी विश्व कप के पहले ग्रुप मैच में कोरिया से हारने के बाद भी अजय को कोई फर्क नहीं पड़ा था? इसके जवाब में अजय कहते हैं, "बिल्कुल फर्क पड़ा था। यह खेल है। यहां कुछ भी हो सकता है।
कबड्डी ऐसा खेल है, जहां कुछ भी हो सकता है। सब खेलों से हट के है यह कबड्डी। आप इसमें आश्वस्त नहीं हो सकते कि आप जीतोगे ही।"हिमाचल प्रदेश के निवासी अजय ने कहा कि कबड्डी में हर टीम के लिए एक खास रणनीति बनाई जाती है लेकिन उस रणनीति पर पूरी तरह अमल हो, इसकी कोई गारंटी नहीं होती है। अजय ने कहा, "देखिए, हम हर टीम के साथ रणनीति बनाकर चलते हैं लेकिन उस पर अमल होगा, यह कोई जरूरी नहीं। कई मौकों पर हमें मैट पर जाने से पहले या मैट पर पहुंचने के बाद अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ता है।
यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि विपक्षी टीम किन सात खिलाड़ियों के साथ उतरी है और उसकी रक्षापंक्ति की संरचना क्या है।"अजय ने कहा, "कई बार विपक्षी टीम हमारे कप्तान अनूप कुमार को लेकर रणनीति बनाती है लेकिन वह उसमें फेल हो जाती है, क्योंकि कप्तान होने के नाते अनूप मैट पर सिर्फ दिमाग दौड़ाने का काम करते रह जाते हैं और रेड के लिए नहीं जाते। एसे में मुझे, प्रदीप नरवाल और राहुल चौधरी को रेड करने होते हैं। हमारे कप्तान की यह खासियत है कि वह मैट पर पहुंचने के बाद दिमागी तौर पर बेहद सक्रिय हो जाते हैं और लगातार हमारी गलतियों पर कमेंट करते हैं।
वह हमें लगातार बताते रहते हैं कि बेशक पिछली रेड में तू अंक लेकर आया, लेकिन तुने कुछ गलतियां की थीं और पकड़ा जा सकता था। इसी तरह से वह एक कप्तान की भूमिका अदा करते हैं।"विश्व कप का फाइनल किन दो टीमों के बीच होना चाहिए, इस सम्बंध में अजय का भी मानना है कि उनकी चाह यही है कि फाइनल तो भारत और ईरान के बीच ही होना चाहिए क्योंकि यही दो टीमें सबसे शक्तिशाली हैं। बकौल अजय, "फाइनल में मजा भी आना चाहिए और ईरान तो बहुत अच्छी टीम है
। हमने अपने अधिकांश अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट के फाइनल ईरान के साथ ही खेले हैं। 2014 एशियाई खेलों का फाइनल भी हमारे और ईरान के बीच हुआ था। इसलिए, कम से कम मैं तो यही चाहूंगा कि फाइनल में हमारा सामना ईरान से हो तो यह खेल के लिए बेहतर होगा।"उल्लेखनीय है कि कबड्डी विश्व कप के सेमीफाइनल मुकाबले शुक्रवार को ही खेले जाने हैं।
पहले सेमीफाइनल में ईरान का सामना दक्षिण कोरिया से होगा जबकि दूसरे सेमीफाइनल में भारत का सामना थाईलैंड से होगा। भारत ने ग्रुप-ए में पहला स्थान हासिल किया था। हालांकि, बाद में वह दूसरे स्थान पर रही। थाइलैंड की टीम ग्रुप-बी में पहले स्थान पर रही थी। इसी तरह ईरान ग्रुप-बी में दूसरे और कोरिया ग्रुप-ए में पहले स्थान पर रहा था। भारत को ग्रुप स्तर पर एक हार मिली थी और वह कोरिया के खिलाफ थी।
--आईएएनएस
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