नई दिल्ली, 21 अक्टूबर: बलूचिस्तान के लोग एक सुर में पाकिस्तान से आजादी की मांग कर रहे हैं, जिसने 1948 में कलात के स्वायत्तशासी बलूच पर कब्जे के बाद से जुल्मों की हदें पार कर दीं। वहीं, बलूचिस्तान की आजादी के लिए सालों से संघर्षरत बलोच फ्रीडम मूवमेंट की नाएला कादरी ने यह तक कह दिया है कि पाकिस्तानी फौज और आतंकवादी संगठन आईएस में कोई फर्क नहीं है।
भारत और भूटान के लिए संयुक्त राष्ट्र के सूचना केंद्र इंडिया आई इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स ऑब्जर्वर के सहयोग से दिल्ली में आयोजित 'बेटियां' कार्यक्रम में देशसेवा कर रहीं कई महिलाओं के साथ नाएला कादरी को भी सम्मानित किया गया। भारत में इस सम्मान को पाकर गदगद नाएला ने आईएएनएस को बताया, "मैं यह सम्मान पाकर बेहद खुशी और गर्व महसूस कर रही हूं। मैं सारी महिलाओं से यह कहना चाहती हूं कि अपने अदंर की नारी-शक्ति (फेमिनिन पॉवर) को पहचानें।
नाएला कहती हैं, "यह ताकत आपको उस ताकत का अहसास कराएगी, जिसने दुनिया का निर्माण किया। आपको महसूस होगा कि आप उसका हिस्सा हैं। आपके पास बहुत ताकत है, उस ताकत को दुनिया के लोगों की मदद के लिए इस्तेमाल करें।"
यूं तो बलूचिस्तान के लोग न जाने कितने दशकों से आजादी की मांग कर रहे हैं, लेकिन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बलूचिस्तान मुद्दे को उठाने के बाद इस मामले की गूंज पूरी दुनिया में सुनी जा रही है। वर्ल्ड बलूचिस्तान विमेन्स फोरम की अध्यक्ष नाएला बलूचिस्तान की उन प्रमुख कार्यकर्ताओं में से एक हैं, जो पिछले लंबे समय से भारत से बलूचिस्तान पर हस्तक्षेप करने की मांग करती रही हैं।
मोदी के समर्थन पर नाएला कादरी धन्यवाद देते हुए कहती हैं, "पीएम मोदी वह पहले नेता हैं, जिन्होंने बलूचिस्तान के लोगों के लिए आवाज उठाई। इस आजादी के लिए बलूच के लोग सालों से अपना खून बहा रहे हैं, लेकिन किसी ने हमारा साथ नहीं दिया। बलूचिस्तान के लोगों के लिए हक की आवाज उठाने वाला भारत पहला देश है और जब तक बलूचिस्तान रहेगा तब तक वह भारत की इस मदद और सहयोग का कद्रदान रहेगा। भारत के इस सहयोग को बलूचिस्तान अपनी तारीखों में याद रखेगा।"
बलूचिस्तान की आजादी के लिए भारत के दखल की जरूरत पर नाएला कहती हैं, "हम केवल सहयोगी नहीं बल्कि हम एक समान लाभ को साझा करते हैं। भारत और बलूचिस्तान में एक और प्रमुख समानता है कि हम दोनों ही आतंकवाद से प्रभावित हैं, जो पाकिस्तान से पोषित होता है। पाकिस्तान आतंकवाद की फैक्टरी है, वह भारत, बलूचिस्तान और अफगानिस्तान में आतंकवाद का प्रसार कर रहा है।
वह कहती हैं, "बलूचिस्तान मध्य एशिया के लिए एक सुरक्षित और त्वरित रास्ता है और भारत के आर्थिक विकास के लिए जरूरी है कि बलूचिस्तान आजाद हो। आजाद बलूचिस्तान आपको एक बेहतर और सुरक्षित मार्ग उपलब्ध करा सकता है।"
बलूचिस्तान की आजादी की आवाज को दबाने के लिए पाकिस्तान कोई कसर नहीं छोड़ रहा है, ऐसे में बलोच महिलाओं की समस्याओं पर नाएला ने बताया, "पाकिस्तानी फौज बलूचिस्तान में पुरुषों के साथ ही महिलाओं और बच्चों पर भी जुल्म कर रही है। वह महिलाओं और बच्चों को मार रही है। वह लोगों के घरों को जला रही है। वहां लोग पाकिस्तानी फौज के जुल्मों को झेलने पर मजबूर हैं।"
नाएला ने पाकिस्तानी फौज पर आरोप लगाते हुए कहा, "चूंकि बलोच महिलाएं बलूचिस्तान की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, इसलिए पाकिस्तानी फौज इनकी आवाज को दबाने के लिए उन पर तेजाब फेंकने जैसे हमले करने से भी नहीं चूकती। पाकिस्तानी फौज बलूचिस्तान की महिलाओं और लड़कियों को उठा कर ले जाती है, उनके साथ दुष्कर्म करती है और उन्हें तस्करों के हाथों बेच देती है। उनके जुल्मों ने इंतेहा पार कर दी है और हम इन जुल्मों का अंत चाहते हैं।"
उन्होंने कहा, "पाकिस्तानी फौज बलोच महिलाओं के साथ ठीक वैसा ही बर्ताव कर रही है, जैसा आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) करता है। आप पाकिस्तान को आईएस के साथ अलग नहीं कर सकते हैं वह बलोच लोगों के साथ आईएस की ही तरह बर्ताव करते हैं।"
बलूचिस्तान को आजाद कराने के लिए भारत से क्या सहयोग चाहती हैं यह पूछे जाने पर नाएला ने कहा, "बलूचिस्तान को आजाद कराने के लिए हम भारत से इस वक्त निर्वासित (एक्साइल) सरकार बनाने में मदद चाहते हैं। हम चाहते हैं कि पाकिस्तान से पीड़ित दुनियाभर में बिखरे बलोच लोगों को इकट्ठा कर एक निर्वासित सरकार बनाने में भारत हमारी मदद करें।"
--आईएएनएस
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