कराची, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने सोमवार को कहा कि 1996 के दौरान मैच फिक्सिंग अपने चरम पर था, लेकिन वह खुद को इसका शिकार बनने से रोकने में सफल रहे।
समाचार चैनल 'जीयो न्यूज' ने अख्तर के हवाले से कहा, "उस समय पाकिस्तान क्रिकेट टीम के ड्रेसिग रूम का माहौल बहुत विचित्र होता था..मेरा विश्वास करें ड्रेसिंग रूम का उससे खराब माहौल नहीं हो सकता।"
दुनिया के कुछ सबसे तेज गेंदबाजों में शुमार और 'रावलपिंडी एक्सप्रेस' के उपनाम से जाने जाने वाले अख्तर ने कहा कि उन्होंने हमेशा इन सबसे दूरी बनाए रखी और दूसरों को भी इससे बचते हुए गरिमा और गंभीरता से खेलने की सलाह देते रहे।
अख्तर ने दावा किया कि 2010 के दौरान उन्होंने मोहम्मद आमिर को भी ऐसे लोगों से मिलने-जुलने से बचने की सलाह दी थी, जो मैच फिक्सिंग के लिए खिलड़ियों को लालच दे सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि आमिर उसी वर्ष मैच फिक्सिंग के दोषी पाए गए थे जिसके चलते उन्हें पांच वर्षो का प्रतिबंध झेलना पड़ा। आमिर ने पिछले वर्ष दोबारा अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी कर ली है।
अख्तर ने यह भी कहा कि हाल ही में पूर्व क्रिकेटर जावेद मियांदाद और शाहिद अफरीदी के बीच पनपे विवाद को खत्म करने के लिए भी हस्तक्षेप किया था पाकिस्तान के दोनों पूर्व कप्तानों से बातचीत के जरिए विवाद खत्म करने के लिए कहा था।
अख्तर ने कहा, "बातचीत के जरिए विवाद खत्म करना सबसे संभावित तरीका है। मैंने अफरीदी और जावेद भाई से मामला अदालत की बजाय आपस में सुलझाने के लिए कहा।
अगर यह मामला अदालत में जाता तो बहुत से नाम घसीटे जाते।"उन्होंने आगे कहा, "मेरी सबसे बड़ी चिंता भी यही थी। मैंने अफरीदी को कानूनी नोटिस भेजने से मना किया और जावेद भाई को अपने गुस्से पर काबू रखने की सलाह दी और सार्वजनिक तौर पर कोई विवादित बयान देने से बचने के लिए कहा।
उन्होंने अनुचित बातें कहकर हद पार कर दी थी।"उल्लेखनीय है कि अफरीदी और मियांदाद के बीच यह विवाद मियांदाद द्वारा अफरीदी पर पैसों के लिए मैच फिक्स करने का आरोप लगाने के साथ शुरू हुआ।
हालांकि हाल ही में मियांदाद ने सफाई देते हुए कहा था, "गुस्से में कुछ बातें निकल गईं और मैंने भी कुछ अनुचित बातें कह दीं। मैं अपने बयान वापस लेता हूं।"
--आईएएनएस
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