पेरिस, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)| फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने एक निजी बातचीत में न्यायपालिका को 'एक डरपोक संस्था' कहा था। यह 'अ प्रेसीडेंट शुड नॉट से दैट' शीर्षक से प्रकाशित एक पुस्तक में प्रकाशित हुआ। इससे देश के दंडाधिकारियों में बहुत नाराजगी को देखते हुए उन्होंने माफी मांग ली है। ओलांद ने शुक्रवार को दंडाधिकारियों की उच्च परिषद को लिखे पत्र में कहा, "उसके लिए बहुत खेद है, जिसे दंडाधिकारियों ने एक चोट के रूप में देखा है।"
उन्होंने दलील में कहा है, "मेरी टिप्पणियां मेरी सोच और गणतंत्र के राष्ट्रपति के रूप में मैंने काम करने का जो ढंग तय किया है, उसकी वास्तविकताओं से जुड़ी नहीं हैं।"उन्होंने कहा है, "मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि न्यापालिका और जो इसे जीवंत बनाते हैं, वे सर्वाधिक आदर योग्य हैं।"एक निजी साक्षात्कार में ओलांद ने कथित रूप से दैनिक ले मोंडे के दो पत्रकारों से कहा कि यह संस्थान डरपोक है। ये सभी अभियोजक, ये वरिष्ठ न्यायाधीश कला में प्रवीण हैं और वही दिखा रहे हैं।एक विशेषज्ञ ने कहा कि न्यायपालिका के साथ बिगाड़ करना राष्ट्रपति चुनाव के कुछ माह पहले सोशलिस्ट दृष्टिकोण पर दाग की तरह है।नेशनल असेंबली के अध्यक्ष और सोशलिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा, "एक राष्ट्रपति को बहुत अधिक गलती नहीं स्वीकार करनी चाहिए।"ओलांद ने कहा कि वह इस वर्ष के अंत तक इसकी घोषणा करेंगे कि वह राष्ट्रपति पद दूसरे कार्यकाल के लिए पाना चाहेंगे या नहीं।
--आईएएनएस
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