इंफाल, 2 दिसम्बर (आईएएनएस)| मणिपुर सरकार ने दो राष्ट्रीय राजमार्गो के साथ 60 चौकियां खोलने के लिए अतिरिक्त केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की मांग की है। दोनों राष्ट्रीय राजमार्ग राज्य की जीवन रेखा हैं। यह कदम गुरुवार शाम उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राकेश रंजन प्रसाद, न्यायमूर्ति एन. कोटेश्वर और न्यायमूर्ति के. नोबिन की पीठ के सरकार को दोनों राजमार्गो पर वाहनों के सुरक्षित और मुक्त आवाजाही सुनिश्चित करने का आदेश देने के बाद उठाया गया।
इंफाल के एक निवासी आर. के. जॉयसना द्वारा दायर एक याचिका पर पीठ सुनवाई कर रहा था। इसमें वकील अहांथेम रोमेनकुमार के दोनों राष्ट्रीय राजमार्गो के पुलों की रक्षा के प्रस्ताव की प्रशंसा की गई।यूनाइटेड नागा काउंसिल ने एक नवंबर को राज्य सरकार के दो नए जिले बनाने के विरोध में इंफाल-दीमापुर (एनएच2) और इंफाल-जिरीबाम (एनएच37) राजमार्गो पर अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी कर दी। ये दो नए जिले जिरीबाम और सदर हिल्स हैं। इसमें केंद्र सरकार ने अब तक कोई दखल नहीं दिया है।नागा लोगों को डर है कि दो अलग जिले बनाएं जाने से उनकी जमीन हड़प ली जाएगी।इससे पहले के एक आदेश में अदालत ने 25 नवंबर को ओकराम इबोबी सिंह सरकार को दोनों राजमार्गो पर वाहनों की आवाजाही सुनिश्चित करने को कहा था।इसमें सरकार को निर्देश दिया गया कि नागालैंड से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 2 पर पांच दिनों के भीतर सुरक्षित यातायात बहाल किया जाए।इससे पहले नागाओं ने राष्ट्रीय राजमार्ग 2 पर दो ट्रकों को आग लगा दी और दर्जनों वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया था। इसके जवाब में मणिपुर घाटी में रहने वाले लोगों ने इंफाल के निकट खुमबोंग में गुरुवार को एक टैक्सी में आग लगा दी।--आईएएनएस
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