अमृतसर में चल रहे हार्ट आॅफ एशिया समारोह में शिरकत करने आये अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी का कहना है कि भारत बिना किसी शर्त के अफगानिस्तान की सहायता कर रहा है और इसमें भारत ने पूरी तरह से पारदर्शिता का भी ध्यान रखा हुआ है।
गनी ने भारत को युद्धग्रस्त देश में आर्थिक विकास के लिए भारत के बिना शर्त सहयोग की प्रशंसा करते हुए कहा ‘भारत, ईरान और उनके देश के बीच मुख्य चाबहार बंदरगाह का विस्तार क्षेत्रीय व्यापार और संपर्क के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।’
भारत के सहयोग को अपने लिए महत्वपूर्ण बताते हुए गनी ने विशेष रूप से सलमा बांध के निर्माण में भारतीय सहयोग की बात की। इस बांध को आधिकारिक रूप से अफगान-भारत मैत्री बांध भी कहा जाता है। इसका उद्घाटन चार जून, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हेरात में गनी के साथ संयुक्त रूप से किया था।
गनी ने कहा, ‘अफगानिस्तान में लोगों के जीवन में सुधार के लिए भारत का सहयोग पारदर्शी है।’
उन्होंने छठे मंत्रिस्तरीय हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। इस सम्मेलन का शीर्षक श्हार्ट ऑफ एशिया कांफ्रेंस-इस्तांबुल प्रॉसेस ऑन अफगानिस्तानश् है। इस सम्मेलन में दक्षिण और मध्य एशिया के साथ कई पश्चिमी देश भी हिस्सा ले रहे हैं।
गनी ने कहा कि चाबहार बंदरगाह विकास परियोजना संपर्क और वाणिज्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। भारत और ईरान ने ओमान खाड़ी में बंदरगाह के नवीकरण के लिए 2016 में द्विपक्षीय समझौता किया था। इससे भारत और अफगानिस्तान के बीच व्यापार का वैकल्पिक मार्ग बनने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि हार्ट आॅफ एशिया सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत आये अफगानी राष्ट्रपति ने इस यात्रा के दौरान दोनो देेशों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौते भी हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के बीच नई दिल्ली में रविवार को हार्ट ऑफ एशिया मंत्री स्तरीय सम्मेलन शुरू होने से पहले द्विपक्षीय मुलाकात हुई।
इस बैठक की जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट कर कहा, ‘हार्ट ऑफ एशिया मंत्री स्तरीय से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति अशरफ गनी के बीच एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक की शुरुआत।’
मोदी और गनी संयुक्त रूप से हार्ट ऑफ एशिया के मंत्रालयी विचार विमर्श सत्र का उद्घाटन करेंगे, जिसमें 14 देशों के आठ से भी अधिक विदेश मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे।
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