संसद के निचले सदन में नोटबंदी को लेकर विपक्ष के हंगामे के कारण शुक्रवार को भी पूरे दिनभर के सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। विपक्षी मतविभाजन नियम के तहत नोटबंदी पर बहस की मांग कर जोरदार हंगामा किया। जिसके चलते 17वें दिन भी सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई विपक्षी तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने पश्चिम बंगाल में सेना की तैनाती का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इस मामले में अंधेरे में रखा गया।
इसका खंडन करते हुए रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि यह नियमित अभ्यास था और ऐसा पिछले कई वर्षो से किया जाता रहा है।
इसके बाद विपक्षी कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने सदन के अध्यक्ष के आसन के नजदीक पहुंच कर नोटबंदी के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। जबकि ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सदस्य अपनी सीटों पर खड़े हो गए।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने हंगामा कर रहे सदस्यों से प्रश्नकाल बाधित नहीं करने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह अन्य सदस्यों का अधिकार है।
विपक्ष को फटकार लगाते हुए हंगामा कर रहे कुछ सदस्यों को चेतावनी देते हुए अध्यक्ष ने कहा कि जब मंत्री सवाल का जवाब दे रहे हों, तो उन्हें परेशान न करें।
इससे नाराज महाजन ने कहा कि जब मंत्री सवालों का जवाब दे रहे हों, तो उन्हें परेशान करना सही नहीं है। मैं आपको चेतावनी दे रही हूं। मुझे आपका नाम देना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि कृपया इस तरफ (सत्ता पक्ष) न आएं। आप जो भी कर रहे हैं, इसके लिए मैंने आपको कभी नहीं टोका, लेकिन कृपया दूसरे सदस्यों के अधिकारों का हनन न करें।
अध्यक्ष की इन बातों को नजरअंदाज करते हुए विपक्षी सदस्यों ने एक नहीं सुनी। जिसके कारण पहले सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दिया गया।
दोपहर बाद जब सदन की कार्यवाही जब दोबारा शुरू हुई, तो अध्यक्ष ने स्थगन प्रस्ताव का नोटिस मंजूर नहीं किया, जिसे विपक्ष के दर्जनों सदस्यों ने विभिन्न मुद्दों पर दिया था।
जैसे ही नोटिस को मंजूरी नहीं दी गई, विपक्षी सदस्य एक बार फिर अध्यक्ष की आसंदी के निकट एकत्रित हो गए और हंगामा करने लगे। जिसको बढ़ता देख अध्यक्ष सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।
स्रोत- आईएएनएस
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