इंदौर, 22 अक्टूबर: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में जारी औद्योगिकीकरण का ब्यौरा देते हुए कहा कि राज्य में उद्योग मित्र नीति लागू है।
यही कारण है कि बीते दो वर्षो में दो लाख 75 हजार करोड़ रुपये के उद्योग स्थापित हुए हैं। इंदौर में दो दिवसीय वैश्विक निवेशक सम्मेलन (ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट) के उद्घाटन मौके पर शनिवार को कहा कि ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट का अर्थ सिर्फ बिजनेस मीट नहीं है। जीआईएस में चार जी हैं। गुडविल यानी भरोसा, ग्रोथ यानी समावेशी विकास, गारंटी और गुड गवर्नेस।
उन्होंने कहा कि पिछले दो साल में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में 175 इकाइयों ने काम करना शुरू कर दिया है। नवकरणीय ऊर्जा में 92 इकाइयों ने काम करना शुरू किया है। पिछले दो साल में दो लाख 75 हजार करोड़ रुपये की औद्योगिक इकाइयां स्थापित हुई हैं।
मध्यप्रदेश की विशिष्टताएं गिनाते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सर्वाधिक औद्योगिक मित्र प्रदेश बन गया है। हर क्षेत्र में निवेश की नीतियां बनाई गई हैं और प्रभावी रूप से समस्याओं का समाधान करने का तंत्र स्थापित किया गया है।
उन्होंने कहा कि सवा लाख एकड़ का भूमि बैंक उद्योगों के लिए बनाया गया है।मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश में निवेश करने की अनुकूल परिस्थितियों को रेखांकित करते हुए कहा कि यहां औद्योगिक शांति है, मानव दिवसों का नुकसान नहीं होता। प्रशिक्षित मानव संसाधन उपलब्ध है। सिंगल विंडों के बजाय अब सिंगल टेबल व्यवस्था है।
चौहान ने आगे कहा कि उद्योगों के लिए जितनी भी जरूरी शासकीय सेवाएं हैं, उन्हें लोक सेवा प्रदाय गारंटी नियम में लाया गया है। करीब 300 सेवाएं इसके अंतर्गत लाई गई हैं।उन्होंने निवेशकों को भरोसा दिलाया कि उन्हें यहां किसी तरह की परेशानी नहीं होगी, सारी सुविधाएं मिलेंगी।
निवेशकों को विकास और समृद्धि में भागीदार के रूप में सम्मान दिया जाता है।चौहान ने कहा कि जितने भी निवेश प्रस्ताव पिछले दो साल में मिले हैं, उन्होंने एक साल के अंदर ही उत्पादन शुरू कर दिया है।
ऑनलाइन निवेश प्रस्ताव भी स्वीकृत किए गए हैं।मुख्यमंत्री ने बताया कि इस इंवेस्टर्स समिट में दो हजार से ज्यादा निवेशकों ने 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा निवेश के प्रस्ताव दिए हैं।
--आईएएनएस
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