केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली मध्य प्रदेश के दो दिवसीय वैश्विक निवेशक सम्मेलन का उद्घाटन शनिवार को किया। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने सम्मेलन में मध्य प्रदेश की विकास गाथा को प्रस्तुत किया।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मध्य प्रदेश को विकास के पथ पर तेजी से बढ़ता राज्य करार देते हुए कहा कि 13 साल पहले यह प्रदेश बीमारू राज्य हुआ करता था। यहां प्राथमिक सुविधाएं जैसे सड़क, पानी और बिजली की बड़ी समस्या थी। लेकिन मध्य प्रदेश सरकार ने कम समय में ही इसकी तस्वीर बदल डाली है।
अब यही मध्य प्रदेश औद्योगिक केंद्र के तौर पर पहचाना जाने लगा है। मौका था मध्य प्रदेश के इंदौर में स्थित ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में दो दिवसीय वैश्विक निवेशक सम्मेलन (ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट) के उद्घाटन अवसर को संबोधित कर रहें थे। उन्होंने यहां की विकास यात्रा का विस्तृत उल्लेख किया।
वित्त मंत्री अरूण जेटली पिछले विधान सभा चुनाव का ज्रिक करते हुए कहा कि वर्ष 2003 में उस समय सड़कों का बुरा हाल था। बिजली कुछ घंटों के लिए आया करती थी। भोपाल से इंदौर की सड़क पर यात्रा भी मुश्किल जैसा था। बीते 13 वर्षो में यहां की तस्वीर बदली है। यहां की कृषि और औद्योगिक विकास दर बढ़ रही है।
नर्मदा नदी के पानी को क्षिप्रा नदी में मिलाए जाने का जिक्र करते हुए जेटली ने कहा कि यह पानी के परिवहन की सफलता की कहानी है। वहीं बिजली का उत्पादन बढ़ा है। अधोसंरचना में सुधार आया है इसके साथ ही यहां शिक्षा के संस्थान स्थापित हुए हैं।
इससे पहले जेटली ने केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद, इस्पात मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान की मौजूदगी में दीप प्रज्ज्वलित कर दो दिवसीय वैश्विक निवेशक सम्मेलन (ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट) का उद्घाटन किया। इस सम्मेलन में देश और दुनिया के तीन हजार से ज्यादा औद्योगिक क्षेत्रों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।
बता दें कि सम्मेलन से पहले बीती रात को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने एलान किया था कि वैट के बावजूद उद्योगों को वर्तमान में मिल रही करों में छूट जारी रहेगी। उन्होंने निवेशकों को भरोसा दिया कि उद्योग लगाने के लिए प्रदेश सरकार उन्हें हर आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराएगी।
चैहान ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था तेजी से विकास कर रही है और औद्योगिक क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं हैं।
समिट में उद्योग जगत के प्रतिनिधियों में बाबा रामदेव भी शामिल हैं। बाबा भी मध्य प्रदेश में जड़ी बूटियों के विकास में निवेश करने को इच्छुक हैं। लेकिन राज्य सरकार द्वारा इच्छित भूमि का रकवा नहीं उपलब्ध कराए जाने से थोड़ा असंतुष्ट दिखे।
उन्होंने इस मुद्दे पर प्रदेश सरकार की चुटकी भी ली और कहा कि इतनी जमीन तो उनके लिए कबड्डी के मैदान के बराबर है।
--आईएएनएस
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